SSC CGL में high cutoff जाने का कई बड़े बड़े कारण सामने आ रहे है |
SSC CGL (Staff Selection Commission - Combined Graduate Level) परीक्षा की कटऑफ हर साल कई कारणों से अलग-अलग होती है। 2023 और 2024 में SSC CGL की कटऑफ काफी ज्यादा गई, जिसने कई उम्मीदवारों को चौंका दिया। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
1. बढ़ती प्रतिस्पर्धा
हर साल SSC CGL परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब पहले की तुलना में अधिक संख्या में छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। जब उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती है, तो प्रतिस्पर्धा भी बढ़ जाती है, जिससे स्वाभाविक रूप से कटऑफ ज्यादा जाती है।
2. परीक्षा का आसान स्तर
अगर परीक्षा का कठिनाई स्तर आसान होता है, तो ज्यादा उम्मीदवार अच्छे अंक स्कोर कर पाते हैं। 2023 और 2024 में आयोजित SSC CGL टियर-1 परीक्षा तुलनात्मक रूप से आसान रही, जिससे उम्मीदवारों ने ज्यादा अंक प्राप्त किए। जब ज्यादा उम्मीदवार अधिक अंक लाते हैं, तो कटऑफ भी बढ़ जाती है।
3. सीटों की संख्या में कमी
SSC CGL में हर साल उपलब्ध रिक्तियों की संख्या अलग-अलग होती है। यदि सीटों की संख्या कम हो और उम्मीदवार अधिक हों, तो कटऑफ ऊंची जाती है। 2023-24 में भी सीटों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी, जिससे प्रतिस्पर्धा अधिक हुई और कटऑफ बढ़ गई।
4. सामान्य वर्ग (General Category) पर अधिक प्रभाव
आरक्षित वर्ग (OBC, SC, ST) के उम्मीदवारों को कटऑफ में कुछ छूट मिलती है, लेकिन अनारक्षित वर्ग (General) के उम्मीदवारों के लिए यह छूट नहीं होती। जब सीटें कम होती हैं और मेरिट लिस्ट में ज्यादा स्कोर करने वाले उम्मीदवार होते हैं, तो जनरल कैटेगरी की कटऑफ अधिक बढ़ जाती है।
5. उम्मीदवारों की बेहतर तैयारी
अब इंटरनेट और ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा से उम्मीदवारों की तैयारी का स्तर पहले से काफी बेहतर हो गया है। कोचिंग संस्थानों, ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़ और यूट्यूब चैनलों के माध्यम से छात्र आसानी से तैयारी कर सकते हैं। इससे अधिक उम्मीदवार उच्च अंक प्राप्त करने में सक्षम होते हैं, जिससे कटऑफ बढ़ जाती है।
6. नकारात्मक अंकन का कम प्रभाव
SSC CGL में प्रत्येक गलत उत्तर पर 0.50 अंक की नेगेटिव मार्किंग होती है। अगर परीक्षा कठिन होती है, तो गलत उत्तर देने की संभावना बढ़ जाती है और उम्मीदवार कम अंक स्कोर करते हैं। लेकिन अगर परीक्षा आसान होती है, तो उम्मीदवार अधिक सटीक उत्तर दे पाते हैं और नकारात्मक अंकन का उन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता।
7. परीक्षा प्रणाली में बदलाव
SSC समय-समय पर परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करता रहता है। 2022 से SSC CGL परीक्षा के प्रारूप में बदलाव किया गया है, जिससे उम्मीदवारों को परीक्षा की आदत डालने में कुछ समय लगा। लेकिन 2023 तक, अधिकांश उम्मीदवार नए पैटर्न के अभ्यस्त हो चुके थे और बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम थे, जिससे कटऑफ बढ़ गई।
8. रिजल्ट और नॉर्मलाइजेशन का प्रभाव
SSC कई शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करता है, और कभी-कभी प्रश्नपत्र का कठिनाई स्तर अलग-अलग शिफ्टों में अलग हो सकता है। इस असमानता को दूर करने के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है। यदि किसी शिफ्ट में पेपर आसान था, तो नॉर्मलाइजेशन के कारण उन उम्मीदवारों के अंक बढ़ सकते हैं, जिससे कटऑफ ऊंची जा सकती है।
9. सरकारी नौकरियों की बढ़ती मांग
भारत में बेरोजगारी दर बढ़ रही है और निजी नौकरियों में स्थिरता की कमी है। इसलिए अब ज्यादा युवा सरकारी नौकरियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे SSC CGL जैसी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा और अधिक बढ़ रही है।
10. मेरिट-आधारित चयन प्रक्रिया
अब सरकारी नौकरियों में चयन अधिक पारदर्शी हो गया है और सिफारिश या भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं कम हो गई हैं। इससे अधिक उम्मीदवार गंभीरता से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, जिससे अधिक योग्य उम्मीदवार चयनित हो रहे हैं और कटऑफ बढ़ रही है।
निष्कर्ष
SSC CGL की कटऑफ बढ़ने के पीछे कई कारक हैं, जैसे अधिक प्रतिस्पर्धा, परीक्षा का आसान स्तर, सीटों की संख्या में कमी, बेहतर तैयारी, और सरकारी नौकरियों की बढ़ती मांग। उम्मीदवारों को अब पहले से ज्यादा मेहनत करनी होगी और स्मार्ट स्ट्रेटजी के साथ तैयारी करनी होगी ताकि वे कटऑफ को पार कर सकें और सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकें।
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